विचार
कृष्ण का संदेस कर्म करो फल की चिंता मत करो कर्म कभी निष्फल नहीं होता अन्याय को सहना पाप है करने वाला चाहे कोई अजीज ही क्यों न हो
आज उनके संदेस को भूल कर बस जय जय कार रह गयी है सुकर्म कोई करना नहीं चाहता फल भी हाथो हाथ चाहिए सब को आज धर्म एक दिखावा बन कर रह गया है
जो सचे अर्थो में इस दिन को मानना चाहते हैं तो कृष्ण के बताये मार्ग पर चलिए वोही आपकी सच्ची पूजा होगी उनके प्रति |
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