Monday, August 6, 2012

नरसंहार

विचार

धर्म के नाम पर संहार करना

अमान्विये कृत्य है

क्या हम प्यार से नहीं रह सकते

भगवान तो एक है

बस रास्ते अलग अलग बना दिए हैं

इंसानों ने

क्या इस नरसंहार से भगवान खुश होगा

भगवान को किसी भी धर्म में मानो

संदेस एक ही है

प्यार करो एक दूसरे से 

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