सुविचार
जिंदगी में या तो दोस्त बनाओ नहीं
बनाओ तो दिल से निभाओ
चेहरे पर मुखौटे दुनिया के अछे लगते हैं
दोस्त निर्मल और स्वच्छ
मन से ही मिलते हैं
जहाँ दोस्ती में मुखौटा आया
वहां आप ने अपना एक दोस्त खोया
दोस्त बनाना आसन है
दोस्ती निभाना कठिन है
अगर दोस्ती की है तो निभा कर दिखाओ
यही दोस्ती की पहचान है |
No comments:
Post a Comment