कोशिश करिए की झूठ ना बोला जाए
क्योकि सूरज कभी बादलों के पीछे सदा के लिए नहीं छिप सकता
उसी तरह हर झूठ ने एक ना एक दिन सामने जरुर आ जाना है
इसलिए अगर झूठ बोलना भी पड़ जाए तो उतना ही बोलिए की झूठ सामने आने पर आप को शर्मिंदा ना होना पड़े
आपके द्वारा बोले गए झूठ का असर आप से छोटों पर सब से अधिक पड़ता है
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