Wednesday, December 16, 2015

सुप्रभात



   सब को कर प्रणाम
सुबह सुबह ले प्रभू का नाम
न दिल दुखे किसी का
यही प्रयास करें हम सुबहो शाम...... रमा
सुप्रभात....🙏🏼

Wednesday, December 9, 2015

दिल




दुनिया तो बहुत छोटी सी है

हम किसी न किसी मोड़ पर मिल ही जायेंगे

तो क्यों न दिल बड़ा रखे

ताकि कोई गिला शिकवा न रहे किसी के लिये.

Thursday, December 3, 2015

गुस्सा




गुस्से में ज्यादा नहीं बोलते क्योंकि उस वक्त मुंह से जो शब्द निकलते हैं वो सोचे हुये नही होते लेकिन उनका नतीजा बहुत बुरा होता है

रमा

Tuesday, September 22, 2015

माँ बाप और आज के हालात




    वक्त रहते माँ बाप की सेवा कर लो , ये अवसर न बार बार मिलता है और न ही हर किसी को, 
जिनके माँ बाप नहीं उनसे पूछो
और जिनके माँ बाप हैं वो उन्हे पूछते नहीं....  क्यो
क्या 40/50 साल पहले वर्द्ध आश्रम थे ? 
क्या तब माँ बाप की ऐसी हालात थी जैसी अब है 
बूढ़ी आंखों में झांक कर देखो वहाँ आपके लिये दुआयें और प्यार ही नजर आयेगा
मत गंवाओ इस समय को और थोड़े वर्षों में आप ने भी इस स्थति से गुजरना है..... बक्त रहते संभल जाओ बाद में फोटो के आगे रोने के सिवा कुछ हाथ नही लगना

Wednesday, September 2, 2015

मिठास




  ज़ुबान में ही नही दिल में भी मिठास रखनी चाहिये
वरना
कड़वाहट हर रिश्ते को खा जाती है

Thursday, December 4, 2014

शिक्षाप्रद वातावरण

सुविचार

ऐसी वाणी बोलिए
मन का आप खोये

ये कहावत आज कल सिर्फ किताबो के लिए रह गयी है
वरना आज कल के बच्चे  तो पहले खुद का आपा खोते हैं और उसके बाद ऐसी वाणी बोलते हैं की सुननेवाला अपना आप ही खो बैठता है

आज के बच्चो को सिर्फ किताबो की शिक्षा मिल रही है वरना हर तरफ झगडे और ऐसी मूवीज और टी वी पर इतना कुछ ऐसा ही देखने को मिलता है
अब इसमें उनका भी क्या कसूर
जो वो लोग देख रहे हैं उसी को फॉलो भी कर रहे हैं
ऐसे टी वी चैनल और मूवीज पर रोक लगानी चाहिए और बच्चों के चारो और शांत और शिक्षाप्रद वातावरण ही रखने की कोशिश करनी चाहिए

Thursday, November 27, 2014

पोथी पड़ पड़ जग मुआ

पोथी

पोथी पड़ पड़ जग मुआ

आजकल क्या जवान क्या बच्चे सब का यही हाल है

पढाई में नंबर एक आते हैं लेकिन माँ बाप से बोलने का तरीका उन्हें भूल गया है ,माना  ज़माना बदल गया है लेकिन माँ बाप और उनका आदर कहीं खो गया है आज की पीडी से ,ये नहीं सोचते की जैसा वो कर रहें हैं अपने माँ बाप के साथ उनके बच्चे उन्ही से अवचेतन में सब सीख रहे हैं

बाद में तो यही होगा
बोये पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होए
माँ बाप को इतने कडवे शब्द आप अनजाने में बोल जाते हो जिसका आप को एहसास भी नहीं होता और एहसास तब होगा जब आप उस उम्र में पहुंचोगे