सुविचार
बचपन से ही ये कहावत सब ने सुनी है
की पहले तोलो फिर बोलो
लेकिन क्या इसको हम जिंदगी में अपनाते भीं हैं
कई बार आप के हंसी हंसी में कहे शब्द
किसी को सदा का दर्द दे जातें हैं
अगर आप दुखी हैं तो ये आशा क्यों की
सब को ऐसा दुःख मिलना चाहिए
अगर आप एक अछे इंसान हैं तो
कितने भी दुखी हों लेकिन अपने दुश्मन के लिए भी
वैसा दुःख ना मांगे
बोलने से पहले सोच ले
आप के शब्द किसी को कितना दर्द देंगे
उससे आप का गम तो कम नहीं होगा
लेकिन आप अपना कोई प्रिय खो बैठेंगे कडवे बोलों से
इसलिए बोलने से पहले थोडा सोच ज़रूर ले
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