सुविचार
हम लोग बच्चों की बातो को अनसुना कर देते हैं
या फिर उनका मुकाबला अपने बचपन से करके उन्हें डांट देते हैं
आजकल की परिस्थियाँ बहुत भिन्न हैं
अगर हम अपने बच्चों को कुंठा से बचाना चना चाहते हैं
और उन्हें अछे संस्कार देना चाहते हैं तो उनकी बात को समझने के लिए
उन्ह धयान से सुनना होगा ,और संयमित व्यवहार से दोस्ती करनी होगी
ताकि वो बिना डर खुल कर बात कर सकें
और हम उनकी परेशानी दूर
यही रास्ता है आजकल की पीडी को अपना बनाने का
और उन्हें अच्छे और गलत का अंतर समझाने का |